जानें जीव जंतुओं की हत्या पर क्या बोले प्रेमानंद जी महाराज
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प्रेमानंद जी महाराज ने बताया की सबसे पहले तो जीव जंतुओं की हत्या जानबूझकर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यदि जानबूझकर किसी जीव जंतु की हत्या की गई है तो उसे पर उसे हत्या का पाप लग जाएगा।
यदि अनजाने में किसी जीव जंतु की हत्या हो गई है तो ईश्वर के समक्ष हाथ जोड़कर अपनी गलती की माफी मांगना चहिए, और आगे ऐसी कोई गलती ना हो इसके लिए भगवान से विनती करें।
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प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि मनुष्य जीवन में जन्म लिया है अनजाने में हो सकता है कि कोई गलती हो जाए लेकिन जानबूझकर यदि किसी जीव जंतु को हानि पहुंचाते हैं तो इसकी कोई माफी नहीं है।
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यदि हमसे अनजाने किसी जीव की हत्या हो जाए तो क्षमा अर्चना कर हम अपनी गलियां सुधार सकते हैं।
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लेकिन यदि हमने जान भुज कर किसी जीव जंतु को कष्ट पहुंचा है या हमारे हाथों किसी जीव जंतु की हत्या हुई है तो इस पाप का प्रायश्चित करना होगा इसके अलावा और कोई उपाय नहीं है।
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प्रेमानंद जी महाराज ने अपने जीवन की भी एक कथा सुनाई जिसमें उन्होंने बताया कि बरसात के समय एक बार उनके द्वारा भी अनजाने एक मेंढक की हत्या हो गई थी तब उन्होंने खुद गोपाल नाम का पाठ कर उसे मेंढक को भी गोपाल नाम का पाठ करवाया था।
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प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि जीव जंतुओं में भी आत्मा होती है यदि हम उनके आत्मा को कष्ट पहुंचाएंगे तो हमारी आत्मा सुखमय नहीं रह पाएगी।